Friday 13 March 2015

AYURVED ALSO EFFECTIVE-आयुर्वेद भी कारगर है.....!

मै देखता हुँ कि ज्यादातर लोग रोजाना ढेरो दवाओ का सेवन करते है जिसमे ज्यादातर रक्तचाप,मधुमेह,नींद, एसीडिटी,आदि रोगो की दवा प्रमुख रूप से होती है इन रोगो की दवा के लिये अधिकतर लोग अंग्रेजी दवा का ही सेवन करते है तथा इस पैथी के चिकित्सक कभी भी यह दावा नही करते कि इन रोगो की जो दवा  दे रहे है वह पुर्ण कारगर है अथवा इस दवा से यह रोग ठीक हो जायेगा बस दवा चालू रखने के लिये कहते है चाहे जिंदगी निकल जाये लेकिन दवा बंद नही होती..
लेकिन आयुर्वेद मे ऐसा नही है आयुर्वेद मे जितनी भी दवा है वे पुर्ण कारगर होती है यह बात चिकित्सक प्रत्येक मरीज से कहता है और दावा भी करता है लेकिन लोग इस बात पर कम ही विश्वास करते है और दवा नही लेते तथा साथ ही आयुर्वेद का मजाक भी उडाते है कि फलाँ वैद्ध्य जी ने रोग ठीक करने का दावा किया था लेकिन मुझे तो जब तक दवा ली तब तक फर्क पडा फिर ज्यो का त्यो रोग वापिस हो गया..
चिकित्सा करवाना और करना दोनो ही जिम्मेदारी का काम है इसमे यदि एक भी अपनी जिम्मेदारी ढंग से नही निभाये तो कार्य पुर्ण होने मे संदेह रहता है आयुर्वेद मे चिकित्सा के चार पाद( four leg)बताये गये है
चिकित्सक,औषधि,परिचारक, और रोगी इन चारो का अपना -अपना कर्तव्य बताया गया  है इनका जिक्र फिर कभी करेंगे आज बात करते है कि किन -किन रोगो मे आयुर्वेद चिकित्सा भी कारगर होती है इस ब्लोग मे हमेशा स्वस्थ रहने की ही बात होती है मै सदैव यह प्रयास करता हुँ कि इस ब्लोग को पढने वाले किसी गलत चिकित्सा के फेर ना पड जाये इस लिये इस पोस्ट के माध्यम से मै यह बताना चाह रहा हुँ कि जिस तरह हम अंग्रेजी दवा सेवन करते है उसी तरह आयुर्वेद की दवा भी सेवन करे लेकिन अमुमन पब्लिक क्या करती है कि जब आयुर्वेद चिकित्सक के पास जाते है तो रोग को पुर्ण रूप से ठीक करने की गारंटी मांगते है जबकि ऐसा नही होना चाहिये रोग ठीक होगा लेकिन ठोडा समय तो लगता ही है....
इन रोगो मे भी आयुर्वेद चिकित्सा  कारगर  है ---
(1)रक्तचाप-- रक्तचाप दो प्रकार का होता है निम्न और उच्च, इन दोनो प्रकार के रक्तचाप मे आयुर्वेद की दवा कारगर है यदि नियमित रूप से आयुर्वेदिक दवा का सेवन किया जाये तो रोग ठीक होने की सम्भावनाये भी बढती है साथ ही किसी भी प्रकार के साईड इफेक्ट का खतरा नही होता .इसी प्रकार और भी कई रोग है जिन्हे आधुनिक चिकित्सा शास्त्र ने लाईलाज बता दिया और जिंदगी भर दवा खाने के लिये कह दिया उन रोगो मे भी आयुर्वेद की दवा नियमित सेवन करना ज्यादा फायदे मंद है
(2)मधुमेह- यह रोग भी एकबार होने के बाद नियमित दवा लेने के लिये बाध्य करता है इस रोग मे भी नियमित रूप से आयुर्वेद की दवा लेने से रोग पर काबु पाया जा सकता है इसे पुर्णतया ठीक करना लोहे के चने चबाने जैसा है फिर भी यदि आयुर्वेद के साथ -साथ यदि योग का सहारा भी लिया जाये तो अच्छा रहता है दवा यदि जिन्दगी भर लेनी है तो आयुर्वेद को अपनाना चाहिये
(3)एसीडीटी- यह एक आधुनिक युग का दावानल है जो इस तन रूपी वन को जलाने के लिये रोजाना तैयार रहता है इस रोग मे भी  आयुर्वेद चिकित्सा कारगर हो सकती है
(4)अनिद्रा- यह रोग भी एक अवांछित रूप से पैदा किया गया रोग है जो कुछ तो अनियमित दिनचर्या के कारण उत्पन्न हो रहा है तथा कुछ अंग्रेजी दवाओ के साईड इफेक्ट से ... इस रोग मे भी आयुर्वेद कारगर हो सकता है
यह सब रोग प्रत्येक जगह मिल जाते है हर घर मे इन रोगो से पिडित कोई ना कोई तो होता ही है अतः यदि ऐसी किसी बिमारी से यदि आप के आस-पास कोई है तो उसे आयुर्वेद चिकित्सा लेने के लिये सजेस्ट करने की कोशिश करे और किसी योग्य आयुर्वेद चिकित्सक के पास सलाह लेने के लिये कहे...
यह पोस्ट एक सुझाव के लिये है किसी भी रोग की चिकित्सा के लिये अपने योग्य चिकित्सक की सलाह को ही माने......इति 

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