Wednesday 12 October 2016

गुर्दे की पथरी – चमत्कार से बचे

गुर्दे की पथरी – चमत्कार से बचे

गुर्दे की पथरी के दर्द से परेशान रोगी जब भी मेरे पास आता है तो कमर झुकी हुई तथा दोनो हाथ कमर पर जकडे हुये ही आता है, इससे तुरन्त पता चल जाता है कि दर्द बहुत ही तीव्र हो रहा है, जब कभी हम जिससे ज्यादा परेशान होते है तब हमारा ध्यान पुर्णतया उसी विषय पर रहता है रोगी बार बार उसी विषय बात करना पसंद करता है उसी विषय पर बात करने से दर्द कम होता है तथा अन्य बात्त करने पर दर्द बढ जाताहै यह एक मानसिक सोच होती है पथरी का मरीज भी कुछ ऐसा ही सोचता है

तेज दर्द के कारण रोगी का जी घबराता है चिंता की लकीरे चेहरे पर साफ साफ नजर आती है किसी भी बात को लेकर यदि चिंता फिकर होती है तो  पित्तकी वृद्धि हो जाती है तथा पित्त विकृत हो जाता है पित्तवृद्धि के कारण जी मचलता है और उल्टी भी हो सकती है आयुर्वेद के ग्रंथो मे लिखा है “वातातशुलम पित्तातछर्दि”  वात के कारण पथरी मे शूल होता है और पित्त के कारण उल्टी तथा मुत्र मे जलन होतीहै

तेज पीडा के कारण व्यक्ति बैठ नही पाता वह अपनी पीडा को यदि बर्दास्त कर लेता  है तब तक उठक बैठक करता रहेगा लेकिन यदि दर्द बर्दास्त से बाहर हो जाता है तो रोगी बेहोशी भी हो सकता है
इस रोग को वृकाश्मरी, रेनल स्टोन, केल्कुली, गुर्दे की पथरी, आदि नामो से जानते है यह एक बहुत ही पीडादायक तथा कष्टकारक रोग है

यह मुख्य रूप से मिट्टी, रेत के कण ,पानी के साथ या भोजन के माध्यम से पेटमे चले जाने से , बीज युक्तसब्जी जैसे- भींडी, टमाटर, बैंगन, करेलाआदि, एवम प्रोटीन युक्त आहार जैसे – चने की दाल, पनीर, दूध, आदि इन वस्तुओ का अत्यधिक मात्रा मे सेवन करने से हो सकती है तथा मुत्र का नियमित विसर्जन ना करने से, मुत्र को रोक कर रखने से भी यह रोग हो सकता है

लक्षण – इसका मुख्य लक्षण मुत्र मे जलन, मुत्र का सही ढंग से ना आना,अर्थात मुत्र मे रूकावट, तीव्र पेट दर्द,कमर दर्द,उल्टी तथा जी मिचलाना, आदि लक्षण होते है

आयुर्वेद मे इसका बहुत ही सरल इलाज है आयुर्वेद की दवा कैसी भी पथरी हो उसे तोड कर मुत्र मार्गसे बाहर निकालने मे सक्षम होती है इसके अलावा सामान्य पथरी तो बहुत ही सरल और सुगम इलाज से ठीक हो जाती है यदि खान पान सुधार ले तो ही रोग ठीक हो जाता है पथरी छोटी और कही फसी हुई ना हो तो नियमित रूप से दिन मे एक बार कुलथी की दाल तथा दिन मे दो बार जौ का पानी पीने से ही यह बाहर आ जाती है, लोगो को  जौ का पानी पीने को बोलने पर बीयर पीने की पुछते है लेकिन बीयर भी एक प्रकार की शराब ही है इससे पित्त बढ सकताहै इसलिये मै सभी मरीजो को मना ही करता हुँ,

अपने आहार मे कुलथी की दाल को हमेशा शामिल करना चाहिये, इस रोग के लिये कुछ सामान्य घरेलू  दवा भी है जिनका प्रयोग कर के घर बैठे खुद ही रोग को ठीक कर सकते है लेकिन पहले जांच करवा ले कि पथरी कितनी बडी और किस स्थान पर है ,या नही है, कई बार उपरोक्त लक्षण मुत्र के संक्रमण मे भी दिखाई देते है अतः पुर्णतया संतुष्ट होकर ही इलाज कर सकते है  घरेलू नुस्खे इस प्रकार है , जैसे – मुली का रस,  छाछ,  कुलथी की दाल,  केले के डंठल का रस, इन छोटी छोटी औषधियो के प्रयोग से गुर्दे की पथरी बाहर आ जाती है, कई बार तो खूब पानी पीने से ही पथरी मुत्र मार्ग से बाहर आ जाती है,

इस रोग की चिकित्सा के किस्से भी रोगियो द्वारा बताये जाते है ,बहुत ही रोचक कहानिया सुनने को मिलती है कुछ ढोंगी बाबा या नीमहकीम लोग तरह तरह के प्रयोग कर पथरी  निकालने का दावा करते है, कई लोग इस रोग का इलाज अपने दांतो से गुर्दे की जगह पर चुबा कर काटने का नाटक करके पथरी को बाहर निकाल देते है , कुछ लोग चाकू या तलवार से चिरा लगा कर झाडा फूंक करके ड्रामा करके रोग को समूल नष्ट करने का दावा करते है ,कुछ लोग तो बहुत ही सिद्ध और पहुचे हुये होते है वे तो रोगी के गुर्दे पर हाथ फेरते है और पथरी को पकड कर रोगी के हाथ मे थमा देते है, कुछ लोग शक्करको अभिमंत्रित करके देते है और पुरी गारंटी के साथ पथरी निकालने का दावा करते है ,यह सब बाते मेरे पास आने वाले मरीज बतातेहै  ये लोग भी चमत्कार के चक्कर मे चक्कर काट कर आ चुके होते है , मेरी तो ये ही राय है कि समझदार व्यक्ति को  इस प्रकार के चमत्कार के चक्कर मे कभी नही पडना चाहिये,
मेरे पास जब रोगी आता है तो यह सब नुस्खे तथा मंत्र आदि का उपयोग करने के बाद ही आता है, अब इन्हे कौन समझाये कि ये लोग उस पथरी को ही निकाल सकते है जो पहले से ही निकलने वाली होती है एक स्वाभाविक प्रक्रिया के तहत पथरी निकल जाती है और ये लोग दावाकर देते है कि हमने पथरी निकाल दी है और लोगो के लिये तो हो गया चमत्कार...

पथरी जब फस जाती है और बहुत बडी होती है तो निकलने मे बहुत ही कठनाई होती है लेकिन आयुर्वेद ग्रंथो मे बहुत सी दवा है जो इस प्रकार की पथरी को भी चुरा बना कर पेसाब के मार्ग से बाहर निकाल देती है मेरे पास आने वाले मरीजो मे लगभग 90% लोगो की पथरी मेरे द्वारा बनाई हुई दवा से पथरी बाहर आ ही जाती है मात्र 10% लोगो की पथरी का ओपरेशन द्वारा उपचार करवाया जाता है, लोग कई बार ई मैल से या फोन करके नुस्खे पुछते है लेकिन इसका कोई एक नुस्खा नही है जो कि बता दिया जाये यह एक प्रक्रिया है जिसमे जिसकी जितनी बडी या छोटी पथरी होती है उसे उसी प्रकार की दवा दी जाती है इसलिये मजबुरी मे लोगो को नुस्खे ना बता कर उनकी सोनोग्राफी रिपोर्ट तथा युरिन रेपोर्ट मंगवाकर घर बैठे इलाज करने की कोशीश करता हुँ नजदीकी मरीज को तो आकर मिलने को ही कहता हुँ , बहुत लोगो ने इलाज लेकर अपनी परेशानी से मुक्ति पाई है

परेशान व्यक्ती हमेशा चमत्कार की आशा मे ही रहता है लेकिन जो रोग बहुत ही परेशान करने वाले है उन रोगो की कभी भी चमत्कारिक दवा ठीक नही रहती तथा ना ही रोगी को किसी प्रकार के चमत्कारिक दवा के चक्कर मे पडना चाहिये कभी कभी हम जल्दी और चमत्कार के फिराक मे बहुत ही बडी परेशानी मे पड सकते है, इस रोग मे किसी आयुर्वेद चिकित्सक से सम्पर्क करके ही चिकित्सा लेनी चाहिये या मुझे ई - मैल द्वारा अपनी सारी रिपोर्ट भेज कर सुरक्षित चिकित्सा प्राप्त करनी चाहिये

इस रोग की आयुर्वेद मे बहुत सी  दवा है  कई आयुर्वेदिक फार्मेसी भी पेटेंट मेडिसिन बनाती है और आम लोग इन्हे इस्तेमाल भी करते है लेकिन मेरी आप लोगो से एक सलाह है कि इन दवाओ का प्रयोग करने से पहले किसी चिकित्सक की सलाह पर अपनी सोनोग्राफी करवाये , पैसाबकी जांच करवाये, तथा यह पता करे कि पथरी कितनी बडी या छोटी है तथा किस स्थिति मे कहा पर है यह सब जानकारी होने के बाद ही चिकित्सा लेनी चाहिये, फालतु मे पैसाबबढानेवाली तथा गुर्दे पर दबाव डालने वाली दवा का प्रयोग नही करना चाहिये,

अच्छी और सच्ची सलाह के लिये पढते रहे NIROGI KAYA निरोगी काया
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