जुकाम का घरेलू उपचार ---
किसी किसी आदमी या औरत को जुकाम होने की आदत सी पड जाती है
बराबर सर्दी बनी ही रहती है नया कफ बनता ही रहता है और नाक बराबर बह्ती ही रहती है कई लोगोको मौसम परिवर्तन होते ही
जुकाम जकड लेती है ऐसी अवस्था मे इस चुर्ण के सेवन से काफी लाभ होता है बसंत ऋतु
मे भी कफ का प्रकोप होता है और ऋतु भी परिवर्तित होती है अतः यह चुर्ण सब के
लियेबहुत हीलाभ पहुचाने वाला हो सकता है
द्रव्य –
जायफल , लौंग , छोटी इलायाची ,
तेजपत्ता,दालचीनी , नागकेशर,कपूर , सफेदचंदन , धोये हुये
काले तिल , वंशलोचन,तगर, आंवला, तालीस पत्र, पीपल, हरड , चित्रकछाल , सौंठ , वायविडंग , मिर्च और कलोंजी,
विधि –
प्रत्येक द्रव्य को समभाग लेकर पीस
कर कपडछान चुर्ण तैयार करे, जितना चुर्ण हो उसकेबराबर
धुली हुई शुद्धकी हुई भांग का चुर्ण मिला दे, फिर सब चुर्णके
समान भाग मिश्री पीस कर मिला कर रख ले ,
मात्रा और अनुपान –
250 ग्राम से 500 ग्राम तक सुबह शाम पानी से ले, बच्चो को ना दे,
लाभ –
इसके सेवन से आदतन जुकाम निश्चित रूप
से ठीक हो जाती है
सलाह—
यदि दवा की मात्रा से कम असर हो रहा
हो तो चिकित्सक के परामर्श से दवा की मात्रा
बढा सकते है और यदि दवा लेने से नशा होता हो तो मात्रा कम कर लेनी चाहिये