परिचय- यदि एक दिन-रात बीतने पर मलत्याग का वेग न हो तो उसे कब्ज कहा जा सकता है, इसके साथ अन्न मे अरूचि,उदरमे भारीपन,बार-बार अपानवायु का निकलना,मुत्रत्यागका बार-बार वेग होना इत्यादि कब्ज के लक्षण है,कब्ज के कारण मन मे मलीनता रहतीहै,साहसतथा उत्साह नही होता,
कारण(cause) -(1) कब्ज का मुख्य कारण पित्त की विकृति है,पित्त कीउत्पति की मात्रा अल्प होने से भोजन का पाचन नही हो पाता और भोजन के ना पचने पर भोजन का आमत्व उत्पन्न होता है,आमयुक्त भोजन का उत्तम विश्लेषण नही होता,और अविश्लेषित भोजन आँतोँ मे चिपकता है,ग्रहणी की शक्ति को क्षीण करता है,आँतोँ की सामान्य गति के अवरूद्ध होजाने से कब्ज उत्त्पन्न होताहै,
(2)शारीरिक परिश्रम का अभाव, आलस्य और आरामतलबी के कारण भी कब्ज होती है
(3)भोजन मे खट्टे भोज्य पदार्थ,सेँन्धा नमक, मिर्च,काली मिर्च आदि कम मात्रा मे खाने से या फिर अधिक मात्रा मे लेने भी कब्ज उत्त्पन्न होता है,
(4)कब्ज के अन्य कारणो मे कई रोग भी है-जैसे ज्वरमे पाचनक्रिया का ह्रास होना,पित्ताशय औरपित्त वाहिनी शोथ,खुन की कमी, पीलिया,कामला, आदि रोगो मे उग्र प्रकार का कब्ज हो जाता है, पेट मे कृमि और हाई ब्लडप्रेशर मे भी कब्ज हो जाताहै
(5)पाचनसंस्थान मे मुख से लेकर गुदा तक के अंगो मे किसी भी प्रकार की विकृति कब्ज उत्त्पन्न कर सकती है
उपचार(treatment)-(1)सर्व प्रथम पाचन संस्थान के सभी अंगो पर ध्यान देना चाहिये जैसे मुख मे यदि दाँत खराब है तो पहले दाँतो का ईलाज कराये,इसी प्रकार अन्य अंगो पर भी ध्यान देना चाहिये,
(2) भोजन समयपर करे,पान चाय आदि का सेवन ना करे ज्यादा चाय पीने से कब्ज होता है
(3)कब्ज मे लाभ के लिये उषःपान करने से कब्ज ठीक होता है
(4) खूब चबा-चबाकर भोजन करने से कब्ज दूर होता है
(5)रात्री मे शयन पूर्व उबला हुआ गरम पानी पीने से कब्ज दूर होता है
(6)तेल रहित सूखे मेवे तथा किशमिश, मुनक्का,अंजीर,खजूर,छुहाराआदि कासेवन विबन्ध नाशकहै
(7)योगासन और प्राणायाम कब्ज नाश करने मे आश्चर्यजनक लाभ करते है,आसनो मे- सर्पासन,पद्मासन, चक्रासन ,सर्वांगासन मुख्य है
(8)औषध चिकित्सा- आयुर्वेद मे सैकडोँ दवा है जो कब्ज को ठीक करती है,लेकिन दवा का प्रयोग हमेशा चिकित्सक की देखरेख मे ही करना चाहिये,कभी भी खुद स्वम अपने चिकित्सक ना बनेँ, कुछ औषधिया लिख रहा हुँ ये चिकित्सक की सलाह से ही ले-
हरितकी,अमलताश,कुटकी,और निशोथ येऔषधिया उत्तरोतर तीव्र कब्ज नाशक है
कब्ज नाशक एक उत्तम योग-
बैतरा सोँठ,छोटीपिप्पली, हल्दी,वायविडंग,वच,छोटीहरड प्रत्येकसमभाग चूर्ण बना ले,चुर्ण1/6भाग नमकऔर सभी द्रव्यो के बराबर गुड मिलाकर गोली बनावे और एक आँवला की मात्रा मे शयन के पूर्व नित्य रात्री मे तीन दिन,पांच दिन, या सात दिन,तक लेना चाहिये,
दिन मे उत्तम जौ के आटे से निर्मित भोजन का एक बार करना चाहिये (च.चि.)
हरे आँवले और मूंग के साथजल और अल्पस्नेह से पकाये हुये विना नमक वाले चावल को घृत मिलाकर दिन मे एक बार भोजन करना चाहिये (सु.चि.)
किसी भी दस्तावर दवा का प्रयोग प्रचार के आधार पर कदापि नही करना चाहिये,किसी योग्य चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिये
कुछ निरापद कब्ज नाशक आयुर्वेदिक औषधि-
ईसबगोल कीभूसी, चैंती गुलाब की पत्ती, अमलताश वृक्ष के फूल, आँवले का मधुर पाक, ग्वारपाठे का गूदा, घी मे तली छोटी हरड, अंरडी के तैल मे तली छोटी हरड, मुनक्का,गरम पानी आदि निरापद औषधि है
कारण(cause) -(1) कब्ज का मुख्य कारण पित्त की विकृति है,पित्त कीउत्पति की मात्रा अल्प होने से भोजन का पाचन नही हो पाता और भोजन के ना पचने पर भोजन का आमत्व उत्पन्न होता है,आमयुक्त भोजन का उत्तम विश्लेषण नही होता,और अविश्लेषित भोजन आँतोँ मे चिपकता है,ग्रहणी की शक्ति को क्षीण करता है,आँतोँ की सामान्य गति के अवरूद्ध होजाने से कब्ज उत्त्पन्न होताहै,
(2)शारीरिक परिश्रम का अभाव, आलस्य और आरामतलबी के कारण भी कब्ज होती है
(3)भोजन मे खट्टे भोज्य पदार्थ,सेँन्धा नमक, मिर्च,काली मिर्च आदि कम मात्रा मे खाने से या फिर अधिक मात्रा मे लेने भी कब्ज उत्त्पन्न होता है,
(4)कब्ज के अन्य कारणो मे कई रोग भी है-जैसे ज्वरमे पाचनक्रिया का ह्रास होना,पित्ताशय औरपित्त वाहिनी शोथ,खुन की कमी, पीलिया,कामला, आदि रोगो मे उग्र प्रकार का कब्ज हो जाता है, पेट मे कृमि और हाई ब्लडप्रेशर मे भी कब्ज हो जाताहै
(5)पाचनसंस्थान मे मुख से लेकर गुदा तक के अंगो मे किसी भी प्रकार की विकृति कब्ज उत्त्पन्न कर सकती है
उपचार(treatment)-(1)सर्व प्रथम पाचन संस्थान के सभी अंगो पर ध्यान देना चाहिये जैसे मुख मे यदि दाँत खराब है तो पहले दाँतो का ईलाज कराये,इसी प्रकार अन्य अंगो पर भी ध्यान देना चाहिये,
(2) भोजन समयपर करे,पान चाय आदि का सेवन ना करे ज्यादा चाय पीने से कब्ज होता है
(3)कब्ज मे लाभ के लिये उषःपान करने से कब्ज ठीक होता है
(4) खूब चबा-चबाकर भोजन करने से कब्ज दूर होता है
(5)रात्री मे शयन पूर्व उबला हुआ गरम पानी पीने से कब्ज दूर होता है
(6)तेल रहित सूखे मेवे तथा किशमिश, मुनक्का,अंजीर,खजूर,छुहाराआदि कासेवन विबन्ध नाशकहै
(7)योगासन और प्राणायाम कब्ज नाश करने मे आश्चर्यजनक लाभ करते है,आसनो मे- सर्पासन,पद्मासन, चक्रासन ,सर्वांगासन मुख्य है
(8)औषध चिकित्सा- आयुर्वेद मे सैकडोँ दवा है जो कब्ज को ठीक करती है,लेकिन दवा का प्रयोग हमेशा चिकित्सक की देखरेख मे ही करना चाहिये,कभी भी खुद स्वम अपने चिकित्सक ना बनेँ, कुछ औषधिया लिख रहा हुँ ये चिकित्सक की सलाह से ही ले-
हरितकी,अमलताश,कुटकी,और निशोथ येऔषधिया उत्तरोतर तीव्र कब्ज नाशक है
कब्ज नाशक एक उत्तम योग-
बैतरा सोँठ,छोटीपिप्पली, हल्दी,वायविडंग,वच,छोटीहरड प्रत्येकसमभाग चूर्ण बना ले,चुर्ण1/6भाग नमकऔर सभी द्रव्यो के बराबर गुड मिलाकर गोली बनावे और एक आँवला की मात्रा मे शयन के पूर्व नित्य रात्री मे तीन दिन,पांच दिन, या सात दिन,तक लेना चाहिये,
दिन मे उत्तम जौ के आटे से निर्मित भोजन का एक बार करना चाहिये (च.चि.)
हरे आँवले और मूंग के साथजल और अल्पस्नेह से पकाये हुये विना नमक वाले चावल को घृत मिलाकर दिन मे एक बार भोजन करना चाहिये (सु.चि.)
किसी भी दस्तावर दवा का प्रयोग प्रचार के आधार पर कदापि नही करना चाहिये,किसी योग्य चिकित्सक के परामर्श से ही करना चाहिये
कुछ निरापद कब्ज नाशक आयुर्वेदिक औषधि-
ईसबगोल कीभूसी, चैंती गुलाब की पत्ती, अमलताश वृक्ष के फूल, आँवले का मधुर पाक, ग्वारपाठे का गूदा, घी मे तली छोटी हरड, अंरडी के तैल मे तली छोटी हरड, मुनक्का,गरम पानी आदि निरापद औषधि है