खाना खाने के बाद या भुखे पेट जैसे भी सुविधा हो वज्रासन किया जा सकता है यही एक ऐसा आसन है जो खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है इस आसन के करने से अनेक रोगो मे फायदा होते हुये देखा गया है ,इस आसन को नियमित करने से हर्निया जैसे भयंकर रोग से बचा जा सकता है
विधि- यह आसन बडा ही सरल तरीके से किया जाता है इस आसन को कही भी कभी भी किया जा सकता है, मुख्य रूप से इस आसन को खाना खाने के तत्काल बाद पांच सात मिनट करने से बहुत ही लाभ होता है,
वज्रासन को करने की सरल विधि इस प्रकारहै-- समतल जमीन पर हस्तपादासन की स्थिति मे सीधे जुडे हुये पैरो को घुटनो से मोडे, दोनो पंजे पिछे की ओर ले जाकर उनपर आराम से कुल्हे टिका कर बैठ जाये, दोनो हाथ दोनो घुटनो पर,कमर से मेरूदंड तक शरीर सीधा, श्वास सामान्य रखे इस प्रकार पांच से पंद्रह मिनट तक बैठे रहे, यह व्यायाम से पुर्व की विश्राम अवस्था भी है ( फोटो देखे)
लाभ-- भोजन पचाने मे सहायक,वायुदोष, कब्ज, पेट का भारीपन दूर करता है,यह आमाशय गर्भाशय की मांस पेशीयो को शक्ति प्रदान करता है,अतः हर्निया से बचाव करता है, गर्भाशय,आमाशय आदि मे रक्त व स्नायविक प्रभाव को बदल देता है
फोटो देखे और सावधानी से करे-
विधि- यह आसन बडा ही सरल तरीके से किया जाता है इस आसन को कही भी कभी भी किया जा सकता है, मुख्य रूप से इस आसन को खाना खाने के तत्काल बाद पांच सात मिनट करने से बहुत ही लाभ होता है,
वज्रासन को करने की सरल विधि इस प्रकारहै-- समतल जमीन पर हस्तपादासन की स्थिति मे सीधे जुडे हुये पैरो को घुटनो से मोडे, दोनो पंजे पिछे की ओर ले जाकर उनपर आराम से कुल्हे टिका कर बैठ जाये, दोनो हाथ दोनो घुटनो पर,कमर से मेरूदंड तक शरीर सीधा, श्वास सामान्य रखे इस प्रकार पांच से पंद्रह मिनट तक बैठे रहे, यह व्यायाम से पुर्व की विश्राम अवस्था भी है ( फोटो देखे)
लाभ-- भोजन पचाने मे सहायक,वायुदोष, कब्ज, पेट का भारीपन दूर करता है,यह आमाशय गर्भाशय की मांस पेशीयो को शक्ति प्रदान करता है,अतः हर्निया से बचाव करता है, गर्भाशय,आमाशय आदि मे रक्त व स्नायविक प्रभाव को बदल देता है
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