Saturday 19 September 2015

“साईटिका” रोग को ठीक करता है - शशकासन

“साईटिका”  रोग को ठीक करता है -  शशकासन


आज हम एक आसन की बात करेंगे जिसे  शशकासन कहते है , यह आसन खरगोस के बैठने के समान दिखाई देता है और संस्कृत मे खरगोस को शशक कहते है अतः शशक समान स्थिती मे बैठने को शशकासन कहते है यह आसन पेट सम्बंधितकई रोगो मे कारगर है लेकिन सायटिका रोग मे इस आसन को करने से सायटिका रोग मे आराम मिलता है


 हमारे दोनो पैरो मे एक नस होती है जिसे साईटिका कहते है और आयुर्वेद मे इसी नस को गृधर्सी  कहते है इस नस मे कई बार बहुत ही तेज दर्द होने लगता है यह पुरी नस कुल्हे से लेकर एडी तक बहुत दर्द करती है  इस रोग को साईटिका रोग कहते है इस रोग को ठीक करने मे शशकासन  बहुत ही कारगर है


विधि – 

वज्रासन( दोनो पैरौ को मोड कर कुल्हे के नीचे दबा कर बैठे)  मे बैठकर , श्वास को छोडते हुये कमर से उपर के भाग आगे ( कमर , रीढ , हाथ एक साथ) झुका कर मस्तक धरती से लगाये, दोनो हाथ जितना आगे ले जा सके, ले जाकर धरती से सटा दे ,


 चित्र देखे –




लाभ – 

इस आसन को करने से उदर के रोग ठीक होते है ,यह कुल्हो और गुदा स्थान के मध्य स्थित मांसपेशियो को सामान्य रखताहै , साईटिका के स्नायुओ को शिथिल करता है और एड्रिनल ग्रंथी के कार्य को नियमित करता है, कब्ज को ठीक करता है ,

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