Sunday 16 April 2017

Yoga kaise kare ? Samadhan योग कैसे करे ? समाधान भाग -3

आप लोग लगातार योग के बारे में मेरे ब्लॉग पर मेरी पोस्ट पढ़ रहे है । आप लोगों को प्रारंभ में आप लोगो की जो समस्याएं थी वह "योग कैसे करे ? समस्याएं " में मैंने बताई है उसके बाद समस्याओं का समाधान के बारे में बताया जा रहा है । बहुत ही सरल और जिसे आप और हम कर सकते है इतनी सरल तरीके से समझाया गया है । उन समस्याओं के समाधान में यम और नियम के बारे में बहुत सरल ढंग से बताया गया है । उन सभी को  आप लोग  के लिए योग के आठ अंगों में से दो अंगों की बात "योग कैसे करे ? समाधान" में बताया गया । वहां पर पढ़ सकते है । आज हम तीसरे अंग की बात करेंगे और वह अंग है "आसन" 

आप लोग जानते है कि योग के आठ अंग होते है। यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि । आज हम तीसरा अंग आसन की बात करेंगे ।

What do mean Aasana ?  आसन क्या है ?

योग का तीसरा अंग है आसन । आसन का साधारण सा मतलब है बैठना । हम जिस किसी स्थिति में आराम से बैठ सकते है वह आसन है । शरीर को भिन्न भिन्न स्थतियों में रखते हुए जिस किसी भी एक स्थिति में आराम से बैठने के अभ्यास को आसन कहते है । या यु कहे की अपने आपको अलग अलग मुद्रा में स्थिर रखने की क्रिया ही आसन कहलाती है । यदि हम किसी आसन में आराम से नही बैठ पा रहे है लेकिन उस स्थिति में बैठने से शरीर को फायदा हो रहा है तो हम उसको अभ्यास करके अपने लिए आसान बना लेंगे । जब आसान हो जायेगा या आसान करने का अनवरत अभ्यास करेंगे उसे ही योगासन कहेंगे ।

इसकी अलग अलग मुद्रा का अलग अलग ही लाभ मिलता है इनका अलग अलग गुण होते है ये शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही अपने मन को भी स्वस्थ करने की क्षमता रखते है । यह योग का एक प्रमुख हिस्सा होने के कारण आजकल योग को योगासन कहा जाने लगा है ।

अब भिन्न भिन्न मुद्रा की बात करते है । इस संसार में जितने प्राणी है चाहे वे जंतु हो या वनस्पति वह सभी किसी ना किसी स्थिति में खड़े होने या बैठने की एक विशेष आकृती लिए होते है । और जिस आकृति में वे रहते है वह उसकी विशेषता के साथ साथ उसके किसी ख़ास गुण को भी बखान करती है । जैसे वृक्ष का खड़ा होना उसकी स्थिरता को इंगित करता है यदि मनुष्य वृक्षासन का अभ्यास करेगा तो निश्चित रूप से अपने जीवन में स्थिरता की वृद्धि करेगा । उसी प्रकार यदि भुजंगासन करेगा तो भुजंग यानि सर्प के समान अपनी तंत्रिका तंत्र और रीढ़ को मजबूत कर लेगा । ये सभी साधारण सी बातें है जो योग की ओर ले जाने के लिए हमको प्रेरित करती है ।

Who are eligible for yoga ?  योग करने के योग्य कौन है ?

योग करने के लिए वे सभी लोग योग्य है जो स्वास्थ्य को प्राप्त करना चाहते है । यह किसी के लिए भी लगभग निषेध नही है । कुछ जगहों पर कुछेक आसनो को निषेध बताया है लेकिन वे लोग भी सामान्य आसनो को कर सकते है । जैसे गर्भवती स्त्री को कुछ आसन निषेध है। जिनको कमर में दर्द रहता है उन लोगो के लिए कुछ आसन निषेध है । लेकिन कईं आसन है जिन्हें इस प्रकार के रोगी आसानी से करके अपने कमर दर्द को ठीक कर सकते है । ऐसे लोगो को किसी योग शिक्षक से सीख कर या उनकी देखरेख में आसन करने चाहिए ।

योगासन विद्द्यार्थी , गृहस्थी, वानप्रस्थी, संन्यासी, स्त्री , पुरुष, तथा बच्चे सभी के लिए उपयोगी है । यह आसन सभी लोगो को करने चाहिए ।

स्वस्थ रहने के लिए आहार - विहार का संयम और नियमित दिनचर्या का क्रम आवश्यक है , उतना ही यह भी आवश्यक कि शरीर के अंग सक्रिय और जीवंत रहे ।
आजकल तमाम सम्पन्न व्यक्ति जिन्हें पोषक आहार के साथ जीवन की तमाम सुविधाये उपलब्ध है, वे भी तमाम शारीरिक रोगों से पीड़ित रहते है । शरीर एक फैक्ट्री की तरह है । जिसमे तमाम तरह की क्रियाये चलती रहती है । शरीर में जहा उपयोगी तत्व बनते है । वही पर अवशिष्ट पदार्थ भी बनते है नई कोशिकाएं बनती है तो कुछ कोशिकाएं मृत भी हो जाती है । हम खाना खाते है तो रस रक्त मांस के साथ साथ मल मूत्र का भी निर्माण होता है ।यह शरीर लगातार बनता और बिगड़ता रहता है । इसलिए इसे स्वस्थ रखने के लिए आयुर्वेद के मनीषियों ने योग का विवेचन किया है और उस योग के आठ अंगों में  सबसे महत्वपूर्ण आसन को  बताया गया है ।

आसन के प्रकार

आसनो को अलग भागो में हम बाँट सकते है ।

1 बैठ कर करने वाले आसन

इन आसनो को आसानी से बैठकर किया जा सकता है जैसे :- सुखासन, पद्मासन , बद्ध पद्मासन आदि ।

2 खड़े होकर करने वाले आसन

यह आसन खड़े होकर किये जाते है जैसे :- ताड़ासन, वृक्षासन आदि ।

3 सीधे लेटकर करने वाले आसन

ये आसन जमीन पर सीधे लेटकर किये जाते है जैसे :- शवासन, चक्रासन, सेतुबंधासन आदि ।

4 उलटे लेटकर करने वाले आसन

यह आसन उलटे लेटकर किये जाते है जैसे :- नौकासन , भुजंगासन , शलभासन आदि ।

किस रोग में कौनसा आसन करे ? इसके बारे में अगली पोस्ट का इंतजार करे । जल्दी ही आपकी सेवा में मेरी अगली पोस्ट आएगी ।

निम्न लिखित दो पोस्ट को जरूर पढ़े ।

" आसन करे रोगानुसार "
" आसन :- पशु पक्षियों जैसे क्यों ? "