RASVARDHAK CHURNA
आज हम रसवर्धक चुर्ण के बारे मे जानेंगे यह चुर्ण शरीर के लिये बहुत ही अच्छा और फायदे मंद है,इस चुर्ण की हमे क्यो आवश्यकता है यह जानने से पहले हमे यह जानना होगा कि हमारे शरीर मे रस का क्या महत्व है और रस क्या होता है जब हम रस के बारे मे जान लेंगे तब हमे रसवर्धक चुर्ण के बारे मे तथा उसके महत्व का पता चलेगा,
हमारे शरीर मे सात धातुये होती है 1.रस ,2.रक्त,3.मांस,4.मेद,5.अस्थि,6.मज्जा और 7. शुक्र ये सातो धातुये हमारे शरीर को धारण करती है, यदि इनमे कोई भी धातु की कमी आजाये तो शरीर की स्थिति गडबडाजाती है इन सात धातुओमे सबसे पहली धातु है रस, यह रस सभी धातुओ का मूल है जब शरीर मे रस ही नही होगा तो फिर रक्त नही बन पायेगा, ये सभी धातुये उत्तरोत्तर वृद्धि करती है, अतः यह कहा जा सकता है कि सबसे पहले रस धातु का बढना बहुत ही जरूरी है,रस बढेगा तभी तो शरीर का सबसे महत्वपुर्ण धातु रक्त और शुक्र बढेगा, रस धातु के अभाव मे शरीर मे बहुत ही कमजोरी आ जाती है और चेहरे की चमक खत्म हो जाती है
हम जो भी भोजन ग्रहण करते है अर्थात जो कुछ भी खाते है वह हमारे शरीर को पुरा लगे और हमारा शरीर पुष्ट हो, यह सभी की इच्छा होती है,लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम बहुत ही पौष्टिक आहार लेते है और लगातार लेते रहने के बावजूद भी शरीर की हालत बिगडती ही चली जाती है जो खाया वह सब बिना रस बनाये ही शौचालय मे चला जाता है ,
इस प्रकार के बहुतसे मरीज जब मेरी प्रेक्टिस मे आने लगे और इस प्रकार की कई प्रकार की दवा बाजार मे से लेकर पहले ही खाकर आने लगे तो इस नई दवा की जरूरत पडी और मैने मेरे और मेरे परम पुज्य गुरूजी वैध्यजी बाबाजी के अनुभवो को काम मे लेकर एक नई प्रकार की दवा पुराने ग्रंथो से पढकर तैयार की है यह दवा बहुत ही कारगर सिद्ध हुई और हमने करीब पांच हजार मरीजो पर इसका सफल प्रयोग किया और इसके लाभ प्राप्त किये है,
यह चुर्ण मुख्य रूप से आहार तंत्र पर काम करता है और हम जो भी भोजन खाते है उसको पुर्ण रूप से पाचन मे सहयोग करता है तथा जो भी आहार लिया जाता है उसको रस मे बदलने मे पुरा कार्य करता है, यह चुर्ण भुख बढाने और खाये हुये भोजन का उचित रस बने इस प्रक्रिया मे सहयोग करता है,तथा पेट को भी साफ रखता है कब्ज नही होने देता ,इसे आप घर पर बना सकते है लेकिन पुरी कच्ची औषधि मिलना बहुत ही मुश्किल काम हो गया है इसलिये आप यह दवा निरोगीकाया से मंगवा कर काम मे ले सकते है
कौन कौन काम मे ले सकते है --यह दवा वैसे तो सभी लोगो के लिये बहुत ही काम की औषधि है फिर भी मुख्य रूप से---
1.जिनका शरीर बहुत ही दुबला पतला हो,
2. जो लोग खाते तो बहुत है लेकिन शरीर मे ताकत नही है ,
3.चलते बैठते उठते चक्कर आते है ,
4. जिन्हे खाना देखते ही उबाक आती हो,
5.जो बच्चे रोटी को देखकर भाग जाते हो,
6. जिन्हे पौष्टिक भोजन के बजाय चटपटा भोजन अच्छा लगता हो
7. जिनके गाल और कुल्हे पिचके हो
8.जिनके आंखो के काले घैरे बने हो
9. जिनको लोगो से बात करने मे डर लगता हो, सेल्फ कोंफिडेंस की कमी हो
इस प्रकार के लोगो को यह चुर्ण अवश्य ही लेना चाहिये,
आज हम रसवर्धक चुर्ण के बारे मे जानेंगे यह चुर्ण शरीर के लिये बहुत ही अच्छा और फायदे मंद है,इस चुर्ण की हमे क्यो आवश्यकता है यह जानने से पहले हमे यह जानना होगा कि हमारे शरीर मे रस का क्या महत्व है और रस क्या होता है जब हम रस के बारे मे जान लेंगे तब हमे रसवर्धक चुर्ण के बारे मे तथा उसके महत्व का पता चलेगा,
हमारे शरीर मे सात धातुये होती है 1.रस ,2.रक्त,3.मांस,4.मेद,5.अस्थि,6.मज्जा और 7. शुक्र ये सातो धातुये हमारे शरीर को धारण करती है, यदि इनमे कोई भी धातु की कमी आजाये तो शरीर की स्थिति गडबडाजाती है इन सात धातुओमे सबसे पहली धातु है रस, यह रस सभी धातुओ का मूल है जब शरीर मे रस ही नही होगा तो फिर रक्त नही बन पायेगा, ये सभी धातुये उत्तरोत्तर वृद्धि करती है, अतः यह कहा जा सकता है कि सबसे पहले रस धातु का बढना बहुत ही जरूरी है,रस बढेगा तभी तो शरीर का सबसे महत्वपुर्ण धातु रक्त और शुक्र बढेगा, रस धातु के अभाव मे शरीर मे बहुत ही कमजोरी आ जाती है और चेहरे की चमक खत्म हो जाती है
हम जो भी भोजन ग्रहण करते है अर्थात जो कुछ भी खाते है वह हमारे शरीर को पुरा लगे और हमारा शरीर पुष्ट हो, यह सभी की इच्छा होती है,लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हम बहुत ही पौष्टिक आहार लेते है और लगातार लेते रहने के बावजूद भी शरीर की हालत बिगडती ही चली जाती है जो खाया वह सब बिना रस बनाये ही शौचालय मे चला जाता है ,
इस प्रकार के बहुतसे मरीज जब मेरी प्रेक्टिस मे आने लगे और इस प्रकार की कई प्रकार की दवा बाजार मे से लेकर पहले ही खाकर आने लगे तो इस नई दवा की जरूरत पडी और मैने मेरे और मेरे परम पुज्य गुरूजी वैध्यजी बाबाजी के अनुभवो को काम मे लेकर एक नई प्रकार की दवा पुराने ग्रंथो से पढकर तैयार की है यह दवा बहुत ही कारगर सिद्ध हुई और हमने करीब पांच हजार मरीजो पर इसका सफल प्रयोग किया और इसके लाभ प्राप्त किये है,
यह चुर्ण मुख्य रूप से आहार तंत्र पर काम करता है और हम जो भी भोजन खाते है उसको पुर्ण रूप से पाचन मे सहयोग करता है तथा जो भी आहार लिया जाता है उसको रस मे बदलने मे पुरा कार्य करता है, यह चुर्ण भुख बढाने और खाये हुये भोजन का उचित रस बने इस प्रक्रिया मे सहयोग करता है,तथा पेट को भी साफ रखता है कब्ज नही होने देता ,इसे आप घर पर बना सकते है लेकिन पुरी कच्ची औषधि मिलना बहुत ही मुश्किल काम हो गया है इसलिये आप यह दवा निरोगीकाया से मंगवा कर काम मे ले सकते है
कौन कौन काम मे ले सकते है --यह दवा वैसे तो सभी लोगो के लिये बहुत ही काम की औषधि है फिर भी मुख्य रूप से---
1.जिनका शरीर बहुत ही दुबला पतला हो,
2. जो लोग खाते तो बहुत है लेकिन शरीर मे ताकत नही है ,
3.चलते बैठते उठते चक्कर आते है ,
4. जिन्हे खाना देखते ही उबाक आती हो,
5.जो बच्चे रोटी को देखकर भाग जाते हो,
6. जिन्हे पौष्टिक भोजन के बजाय चटपटा भोजन अच्छा लगता हो
7. जिनके गाल और कुल्हे पिचके हो
8.जिनके आंखो के काले घैरे बने हो
9. जिनको लोगो से बात करने मे डर लगता हो, सेल्फ कोंफिडेंस की कमी हो
इस प्रकार के लोगो को यह चुर्ण अवश्य ही लेना चाहिये,
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