Friday, 24 January 2025

भृंगराज: बालों के लिए कैसे है फायदेमंद?

भृंगराज

बालों के लिए कैसे है फायदेमंद? 


      भृंगराज, जो एक आयुर्वेदिक और प्राकृतिक जड़ी-बूटी है, बालों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह औषधि पुराने समय से बालों की सेहत को सुधारने और उन्हें घना, मजबूत और चमकदार बनाने के लिए उपयोग की जा रही है। 
       भृंगराज का तेल बालों को स्वस्थ बनाने में मदद करता है और कई प्रकार की बालों की समस्याओं का इलाज करता है। भृंगराज के बालों के लिए फायदे बालों की वृद्धि में सुधार भृंगराज का तेल बालों की वृद्धि को बढ़ाने में मदद करता है। यह हेयर फॉलिकल्स को उत्तेजित करता है, जिससे नए बाल उगने लगते हैं। अगर आपको बाल गिरने की समस्या है, तो भृंगराज का तेल एक प्राकृतिक और प्रभावी समाधान हो सकता है। नियमित उपयोग से बालों की घनता बढ़ती है और बाल घने होते हैं। स्कैल्प को स्वस्थ बनाए भृंगराज का तेल स्कैल्प की सेहत को सुधारता है। इसमें एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो डैंड्रफ और ड्राई स्कैल्प की समस्याओं को दूर करते हैं। यह स्कैल्प को हाइड्रेट करता है और बालों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाता है, जिससे बालों की वृद्धि अच्छी होती है। 

प्रारंभिक सफेदी को रोके भृंगराज का तेल

बालों को स्वाभाविक रूप से काले और घने बनाता है। यह प्रारंभिक सफेदी को रोकने में मदद करता है, जिससे आपके बालों का रंग लंबी उम्र तक प्राकृतिक रूप से अच्छा बना रहता है। अगर आप प्रारंभिक सफेदी से परेशान हैं, तो भृंगराज का तेल एक अच्छा उपाय हो सकता है। 

रक्त संचार में सुधार करें 


भृंगराज तेल को स्कैल्प पर लगाने से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे बालों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। यह बालों को मजबूत बनाता है और उनकी वृद्धि को उत्तेजित करता है। इससे बालों का टेक्सचर भी सुधारता है और वे स्वस्थ और चमकदार नजर आने लगते हैं। तनाव को कम करें तनाव भी बालों के गिरने का एक बड़ा कारण हो सकता है। भृंगराज का तेल स्कैल्प पर लगाने से आपको रिलैक्सेशन मिलता है और तनाव कम होता है। इससे न सिर्फ आपके बाल स्वस्थ रहते हैं, बल्कि आपको मानसिक रूप से भी आराम मिलता है। 

myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल: 


आपके बालों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं अगर आप भृंगराज का तेल अपने बालों के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको बाजार में कई विकल्प मिलेंगे। इन सभी में से myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल एक अच्छा और प्रभावी विकल्प हो सकता है। इसके कुछ खास फायदे हैं, जो इसे बालों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं। 100% प्राकृतिक सामग्री myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल में केवल प्राकृतिक और हर्बल सामग्री का उपयोग किया गया है। इसमें कोई हानिकारक रसायन, पैराबेन्स, या सल्फेट्स नहीं होते, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह तेल आपके बालों को प्राकृतिक तरीके से पोषण देता है। कोल्ड-प्रेस्ड विधि myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल को कोल्ड-प्रेस्ड विधि से बनाया जाता है, जिससे इसके सभी पोषक तत्व संरक्षित रहते हैं। कोल्ड-प्रेस्ड तेल बालों को अधिकतम लाभ पहुंचाता है और उन्हें स्वाभाविक रूप से मजबूत और स्वस्थ बनाता है। कोई कठोर रसायन नहीं myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल में कोई भी हानिकारक रसायन नहीं होते। यह तेल बालों को हल्के और सुरक्षित तरीके से ट्रीट करता है, बिना किसी साइड इफेक्ट के। अगर आप अपने बालों के लिए सुरक्षित और प्रभावी तेल चाहते हैं, तो myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल एक बेहतरीन विकल्प है। सस्ता और सुलभ myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल एक किफायती मूल्य पर उपलब्ध है और आप इसे आसानी से ऑनलाइन या अपने नजदीकी स्टोर से खरीद सकते हैं। यह तेल आपके बजट में रहते हुए आपको बेहतरीन परिणाम देता है। प्रभावी परिणाम myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल का नियमित उपयोग आपके बालों की वृद्धि, टेक्सचर और चमक में स्पष्ट सुधार ला सकता है। यह बालों को स्वाभाविक रूप से स्वस्थ और घना बनाता है। myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल कैसे उपयोग करें? स्कैल्प पर लगाएं और मसाज करें myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल को अपने स्कैल्प पर अच्छे से लगाएं और हल्के हाथों से गोलाकार गति में मसाज करें। यह रक्त संचार में सुधार करता है और तेल को स्कैल्प तक पहुंचाता है, जिससे बालों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। ओवरनाइट ट्रीटमेंट अगर आप चाहते हैं कि भृंगराज तेल आपके बालों को गहरे तरीके से पोषण दे, तो आप इसे रातभर के लिए लगा सकते हैं। सुबह अपने बालों को धो लें। इससे बाल मुलायम, चमकदार और स्वस्थ नजर आएंगे। नियमित उपयोग से बेहतरीन परिणाम myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल को सप्ताह में 2-3 बार इस्तेमाल करें। नियमित उपयोग से आप अपने बालों में स्पष्ट सुधार देख सकते हैं और बाल स्वाभाविक रूप से मजबूत और स्वस्थ हो जाएंगे। Product खरीदने के लिए आप myUpchar भृंगराज हेयर ऑयल को www.myupchar.com से आसानी से खरीद सकते हैं Link :-

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Monday, 3 August 2020

शरीर शुध्दि का उत्सव श्रावणी कर्म :- रक्षाबंधन ।


सावन महीने की पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा कहते है । इस दिन सभी बहिने अपने भाइयों की कलाई पर एक रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा की कामना करती है । साथ ही भाई भी अपनी बहिनो को रक्षा का वचन देकर कुछ उपहार भी देतें है । यह त्योहार बहुत ही *पवित्र भावनाओ* का त्योहार है । 
इसी दिन विद्वतगण अपने मन और शरीर की शुद्धि के लिए किसी जलाशय के पास जाकर श्रावणी कर्म करते है । पूर्णता का यह पर्व मन और तन को शुध्द करने के लिए बहुत ही उत्तम माना जाता है । मन की भावना इस त्योहार पर वैसे ही पवित्रता से परिपूर्ण रहती है । और यदि किसी पवित्र स्थान पर या किसी तीर्थ स्थल पर जाकर अपने पापों का प्रायश्चित करके हम अपने तन को भी पवित्र कर ले तो इस त्योहार की सार्थकता सिध्द हो जाती है । 
मन और तन को सुद्ध करने के बाद नए वस्त्र और नई यज्ञोपवीत धारण करना चाहिए । 
इस  त्योहार को यदि आयुर्वेदिक दृष्टि से देखे तो यह वर्ष भर में एक बार अपने आपकी साफ सफाई करने के लिए बहुत ही सही समय माना गया है। शरीर शुध्दि का उत्तम अवसर है ।
भारत मे मनाये जाने वाले सभी त्योहारो में जीवन की एक ऐसी शिक्षा जुड़ी हुई है जो परम्पराओं के साथ जीवन दर्शन भी सिखाती है । स्वस्थ जीवन का संदेश भी यहां के त्योहार देते है । आयुर्वेद जो भारत की चिकित्सा पद्धति है जिसमे सभी त्योहारों के साथ शरीरिक स्वस्थता का संदेश छिपा हुआ है । 
इस त्योहार में अपने मन को पवित्र बनाये और अपने तन को शुद्ध करने के लिए श्रावणी कर्म करे । हम यदि स्वस्थ मानसिकता के साथ जीवन जियेंगे तो पूरा समाज ही एक तरह से स्वस्थ हो जायेगा । हम सुधरेंगे तो जग सुधरेगा । 

Monday, 7 October 2019

Brain Secrets : Part 1

Brain Secrets : Part 1: HealthUpDaily is a blog about latest health news, medical news, medical trends, scientific trends, health tips, fitness tips, medicine and ayurved.

Sunday, 29 September 2019

Top 10 Healthy Morning Routines

Top 10 Healthy Morning Routines: Healthy day starts from healthy morning. If your morning is healthy then your whole day will be healthy then you can give your 100% to your work and you can do something with activeness. There is top best morning routines followed

Sunday, 24 March 2019

सिंदूर(Sindoor ) :- आयुर्वेदिक एंटीबायोटिक्स (Ayurvedic Antibiotics) ।

आयुर्वेद ग्रन्थों में "सिंदूर" नाम से करीब छः प्रकार की औषधियों का वर्णन किया गया है ।

 जिनमे रस सिंदूर, ताल सिंदूर, मल्ल सिंदूर, ताम्र सिंदूर, रजत सिंदूर और अंत में है शिला सिंदूर । जिसका हम आज अध्ययन कर रहे है।

ये सभी सिंदूर कीटाणु नाशक( Antibiotics) है,

 दूषित खान पान से या गलत आहार विहार से हमारे शरीर में कीटाणुओं का ना चाहते हुए भी प्रवेश हो जाता है । और हम बीमारियो की गिरफ्त में आ जाते है। 

आज कल आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में बहुत से एंटीबायोटिक्स है जिनसे झटपट इलाज संभव है । लेकिन इलाज के साथ ही बहुत से साईड इफेक्ट भी साथ में आ जाते है और जीवन भर उनसे झुझते रहते है


ये सिंदूर जब आयुर्वेद ग्रन्थों में लिखे गए या इनका जब प्रयोग प्रचुर मात्रा में समाज में हो रहा था तब यह सब भी एंटीबायोटिक की तरह ही काम में लिए जाते थे ।

 ये सभी गर्म प्रकृति के होते है । इनकी तासीर उष्ण होती है । 

इनको भी बहुत ही सावधानी से प्रयोग किया जाना चाहिए । 

इनका एक बहुत ही अच्छा फायदा है ये एलोपैथी के एंटीबायोटिक्स जितने खतरनाक नही होते है ।

आसन करे :- रोगानुसार

 आइए जाने योग के आसनों की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी।

किस रोग में कौन सा आसन करे

 पेट की बिमारियों में-

उत्तानपादासन,

 पवनमुक्तासन,

 वज्रासन,

 योगमुद्रासन,

 भुजंगासन,

 मत्स्यासन।


 सिर की बिमारियों में-

सर्वांगासन,


 शीर्षासन,

 चन्द्रासन।


 मधुमेह-



पश्चिमोत्तानासन,

 नौकासन,

 वज्रासन, 

भुजंगासन, 

हलासन,

 शीर्षासन।


 वीर्यदोष–
सर्वांगासन, वज्रासन, योगमुद्रा।
 गला-
सुप्तवज्रासन, भुजंगासन, चन्द्रासन।
 आंखें-
सर्वांगासन, शीर्षासन, भुजंगासन।
 गठिया–
पवनमुक्तासन, पद्ïमासन, सुप्तवज्रासन, मत्स्यासन, उष्ट्रासन।
 नाभि-
धनुरासन, नाभि-आसन, भुजंगासन।
 गर्भाशय–
उत्तानपादासन, भुजंगासन, सर्वांगासन, ताड़ासन, चन्द्रानमस्कारासन।
 कमर दर्द –
हलासन, चक्रासन, धनुरासन, भुजंगासन।
 फेफड़े-
वज्रासन, मत्स्यासन, सर्वांगासन।
 यकृत-
लतासन, पवनमुक्तासन, यानासन।
 गुदा,बवासीर,भंगदर आदि में-
उत्तानपादासन, सर्वांगासन, जानुशिरासन, यानासन।
 दमा-
सुप्तवज्रासन, मत्स्यासन, भुजंगासन।
 अनिद्रा-
शीर्षासन, सर्वांगासन, हलासन, योगमुद्रासन।
 गैस–
पवनमुक्तासन, जानुशिरासन, योगमुद्रा, वज्रासन।
 जुकाम–
सर्वांगासन, हलासन, शीर्षासन।
 मानसिक शांति के लिए–
सिद्धासन, योगासन, शतुरमुर्गासन, खगासन योगमुद्रासन।
 रीढ़ की हड्डी के लिए-
सर्पासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, शतुरमुर्गासन करें।
 गठिया के लिए-
पवनमुक्तासन, साइकिल संचालन, ताड़ासन किया करें।
 गुर्दे की बीमारी में–
सर्वांगासन, हलासन, वज्रासन, पवनमुक्तासन करें।
 गले के लिए-
सर्पासन, सर्वांगासन, हलासन, योगमुद्रा करें।
 हृदय रोग के लिए-
शवासन, साइकिल संचालन, सिद्धासन किया करें।
 दमा के लिए-
सुप्तवज्रासन, सर्पासन, सर्वांगासन, पवनतुक्तासन, उष्ट्रासन करें।
 रक्तचाप के लिए–
योगमुद्रासन, सिद्धासन, शवासन, शक्तिसंचालन क्रिया करें।
 सिर दर्द के लिए-
सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, शतुरमुर्गासन करें।
 पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए-
यानासन, नाभि आसन, सर्वांगासन, वज्रासन करें।
 मधुमेह के लिए-
मत्स्यासन, सुप्तवज्रासन, योगमुद्रासन, हलासन, सर्वांगासन, उत्तानपादासन करें।
 मोटापा घटाने के लिए–
पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, नाभि आसन करें।
 आंखों के लिए-
सर्वांगासन, सर्पासन, वज्रासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
 बालों के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, शतुरमुर्गासन, वज्रासन करें।
 प्लीहा के लिए-
सर्वांगासन, हलासन, नाभि आसन, यानासन करें।
 कमर के लिए–
सर्पासन, पवनमुक्तासन, सर्वांगासन, वज्रासन, योगमुद्रासन करें।
 कद बड़ा करने के लिए-
ताड़ासन, शक्ति संचालन, धनुरासन, चक्रासन, नाभि आसन करें।
 कानों के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, धनुरासन, चक्रासन करें।
 नींद के लिए–
सर्वांगासन, सर्पासन, सुप्तवज्रासन, योगमुद्रासन, नाभि आसन करें।
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