Saturday 20 December 2014

सर्दियोँ मे बनायेँ सेहत (How to make heath in winter?)

जब ऋतुओँ का वर्णन होता है तब तीन ऋतु मुख्य रूप से मानी जाती है,(1)सर्दी (2)गर्मी(3)वर्षा, जब इन तीन ऋतुओ को विभाजित करते है तब ये छ प्रकार की हो जाती है जिनमे वर्षा ऋतु मे कोई परिवर्तन नही होता जबकि गर्मी के दो भाग हो जाते है, बसंत और ग्रीष्म ,सर्दी के तीन भाग होते है शरद,हेमंत,शिशिर,ये तीनो ऋतुये बल कारक होती है इनमे बल की वृद्धि होती है अतः सर्दिया सेहत बनाने के लिये क्ष्रेष्ठ ऋतु होती है
(1)शरद-(आश्विन-कार्तिक) यह ऋतु स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत महत्वपुर्ण है इसी लिये ऋषियो ने शतायु की कामना करते हुये सौ शरद ऋतुओ के जीने की इच्छा व्यक्त की है ,यथा ‌-"जीवेम शरदः शतम" , इस ऋतु मे मधुर,तिक्त,कषाय-रस,शीतल तथा लघु -आहार, मीठा दूध,मिक्ष्री युक्त हरड, अथवा आमला युक्त -चुर्ण आदि का सेवन करना चाहिये,                                                                                 (2)हेमंत-(मार्गशीर्ष-पौष)इस ऋतु मे सूर्य तुषार से प्रायः आच्छन्न रहता है,दिशाये धूल धूसरित होती है तथा शीतल पवन चलता है, इस ऋतु मे मधुर स्निग्ध,अम्ल तथा लवणयुक्त द्र्व्य , गेहुँ ,इक्षुरस तथा दुग्ध से बने पदार्थ सेवनीय है सौठ के साथ हरड का सेवन करना चहिये,                                                                                  (3)शिशिर-(माघ-फाल्गुन)इस ऋतु मे हेमंत के समान  ही आहार - विहार करना चाहिये,                                                                                                                  ये सभी बाते जीवन मे प्रयोग करने से ही जीवन मे आरोग्य की प्राप्ति होती है हम सब जानते है कि जीवन को आनंद मय बनाने के लिये अच्छा आहार तथा अच्छा विहार आवश्यक है, सर्दी मे अग्नि तीव्र रहती है इस लिये अग्नि को पुर्ण पौष्टिक आहार उचित समय पर मिलना चाहिये ,यदि इस ऋतु मे अग्नि को पुरा आहार नही मिले तो शरीर पुरे वर्ष भर कमजोर बना रहता है,
"आहार काले सम्प्राप्ते यो न भुंक्तेबुभुक्षितः,तस्य सीदति कायाग्निनिरिंधनःइवानलः", जब भी भुख लगे आहार ग्रहण करे ,लेकिन ऐसा भी नही कि सारे दिन आहार ही करते रहे और कोई परिश्रम नाकरे,यदि परिश्रम नही करेंगे तो भी अग्नि मंद हो सकती है अतः इस ऋतु मे उचित आहार तथा उचित परिश्रम का सन्योग बना कर रखे,
 इस ऋतु मे तरह तरह के पाक ,लड्डु, हल्दी की सब्जी, ताकत की दवाईयाँ ,आदि खुब मिलती है किराने वाले भी ताकत के नाम पर कई आयुर्वेदिक दवा बैचते नजर आते है लेकिन बहुत समझदारी से सोच समझ करही इनका  प्रयोग करना चाहिये, अपने चिकित्सक के परामर्श से दवा लेनी चाहिये,

 सर्दियो मे सही ढंग से उचित आहार विहार से सेहत बनाये अनुचित आहार विहार से सेहत बिगाडे नही, इति       

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