Saturday 4 March 2017

अम्लपित्त (Acidity) की दवा :- अविपत्तिकर चूर्ण

आजकल लगभग सभी लोगो को एसिडिटी की समस्या रहती है । मेरी प्रेक्टिस में ऐसे बहुत मरीज आते है जो इस रोग से ग्रसित रहते है । आजकल का खान पान बहुत ही खराब हो गया है । दिन भर में कुछ भी खा लेना कुछ भी पी लेना एक फ़ैसन हो गया है।

जंक फूड , चाय , कोफ़ी, तली हुई वस्तु यह सब बाजार में प्रचुर मात्रा में प्रयोग में लिया जाता है । बाजार में जाने वाले या वहां पर काम धंधा करने वाले लगभग सभी लोग इनका भरपूर मात्रा में बिना किसी भय के सेवन करते है ।और बार बार चाय पीने तथा जंक फूड जैसे आहार से अम्लपित्त (Acidity) हो जाती है ।

यदि अम्लपित्त से ग्रसित है तो निम्न लिखित चूर्ण को घर पर बनाये और नियमित रूप से सेवन करे । यदि बनाने में कोई समस्या हो तो किसी भी नजदीकी आयुर्वेद मेडिकल स्टोर से खरीद कर प्रयोग कर सकते है । यह बाजार में "अविपत्तिकर चूर्ण"  के नाम से बिकता है ।

अविपत्तिकर चूर्ण :-

द्रव्य और निर्माण विधि :-

सौंठ, कालीमिर्च, छोटी पीपल, हरड़ का दल, बहेड़ा का दल, आँवला दल, नागरमोथा, नौसादर, बायबिडंग, छोटी इलायची, और तेजपात, प्रत्येक 10-10 ग्राम।
लौंग 110 ग्राम ,निशौथ का मूल 220 ग्राम , मिश्री 440 ग्राम लेकर , सबको मिलाकर कपड़छान चूर्ण कर के रख लें । यह मिश्रण ही अविपत्तिकर चूर्ण के नाम से मिलता है ।

उपयोग एवं मात्रा  :- अम्लपित्त और परिणाम शूल में इसे सुबह शाम ठन्डे जल के साथ 3 से 5 ग्राम तक नियमित रूप से लें ।

अम्लपित्त की यह उत्तम औषधि आपके जीवन को सुखमय बना देगी।

डॉ वेदप्रकाश कौशिक
आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर राजस्थान

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